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श्रीकृष्ण गोशाला सचिव को दुबारा हिरासत में लेकर 12 घंटे तक थाना में रखना मनोबल तोड़ने का प्रयास

गेट को वापस करने, बस पड़ाव का नाम सुधारने व प्रवेश द्वार का स्वरूप बदलने की मांग

संवाददाता अखिलेश विश्वकर्मा का रिपोर्ट

गढ़वा से :

गेट को वापस करने, बस पड़ाव का नाम सुधारने व प्रवेश द्वार का स्वरूप बदलने की मांग

गढ़वा : श्रीकृष्ण गोशाला कार्यकारिणी समिति के सदस्यों की एक बैठक शुक्रवार की शाम की गयी. इसमें तीन मार्च को समिति के सचिव रमेश कुमार दीपक को दुबारा गोशाला परिसर से पुलिस द्वारा हिरासत में लिये जाने और करीब 12 घंटे तक थाने में रखकर मानसिक रूप से प्रताड़ित किये जाने की कारवाई की कड़े शब्दों में निंदा की गयी.

 

बैठक में श्री दीपक ने कहा कि जब वे सुबह में गोशाला में गायों का दूध निकलवा रहे थे, अचानक पुलिस आयी और बिना कुछ कहे, उन्हें पकड़कर थाने ले गयी. इसके बाद पुलिस ने शाम तक भूखे-प्यासे गढ़वा थाने में बैठाकर रखा. हिरासत में लिये जाने का कारण पूछे जाने पर कुछ नहीं बताया. कार्यकारिणी सदस्यों ने कहा कि प्रशासन का दुबारा गोशाला से सचिव को बिना कोई कारण हिरासत में लिया जाना एक सोची-समझी साजिश है. यह गोशाला समिति के लोगों का मनोबल तोड़ने के लिये ऐसा किया जा रहा है. प्रशासन किसी के दबाव में सतातन प्रमियों को लक्ष्य कर उन्हें परेशान कर रही है. गोशाला समिति का इस समय किये जा रहे पुनर्रूद्धार विशेषकर नगरपालिका प्रशासन को बर्दाश्त नहीं हो रहा है. श्री दीपक ने बताया कि पहली बार जब उन्हें हिरासत में लिया गया था, तो उन्होंने उपायुक्त एवं पुलिस अधीक्षक से मिलकर गोशाला की भूमि से संबंधित सारे कागजात को दिखाया था. उन्हें लगा कि प्रशासन कागज देखने के बाद संतुष्ट भी हो गया. लेकिन इसके ठीक दो दिन बाद ही उन्हें फिर से हिरासत में ले लिया गया. बैठक में श्रीकृष्ण पालिका परिवहन पड़ाव का नाम बदल दिये जाने और गोशाला से उखाड़कर ले जाये गये गेट को अभीतक वापस नहीं किये जाने पर भी रोष व्यक्त किया गया. बैठक में सदस्यों ने मीडिया के माध्यम से प्रशासन को एक सप्ताह का समय देते हुये चेतावनी दी कि यदि उनके उखाड़े गये गेट को वापस नहीं किया जाता है और श्रीकृष्ण पालिका परिवहन पड़ाव का नाम और प्रवेश द्वार का स्वरूप सुधारते हुये उसपर भगवान श्रीकृष्ण व गायों का चित्र नहीं लगाया जाता है, तो इसको लेकर आम लोगों से मिलकर एक चरणबद्ध आंदोलन की शुरूआत की जायेगी. बैठक में प्रस्ताव की प्रतिलिपिको राज्य गोशाला आयोग, मुख्यमंत्री, राज्यपाल और झारखंड उच्च न्यायालय को भी भेजने का निर्णय लिया गया. इस अवसर पर अध्यक्ष विनोद पाठक, विवेकानंद उपाध्याय, सचिन अग्रवाल, विजय केसरी, नंदकुमार गुप्ता, मृत्युंजय कुमार, मनोज पटनायक, डॉ डी लिउ, राकेश केसरी, अवधेश कुशवाहा, विजय पांडेय सहित अन्य लोग उपस्थित थे.

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